किसानों को बचाने हेतु कृषि वैजानिक की अपील
प्रेस रेलीज़ क्रमांक 165/453 2 अप्रैल 2008
किसानों को बचाने हेतु कृषि वैजानिक की अपील
कृषि विजान के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना - एक राज्य कृषि विश्वविद्यालय वैजानिक ने अपने वैजानिक समाज से बी टी कॉटन जैसे खतरनाक पौधों के खिलाफ अपील की है |
सरकार द्वारा संचालित कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत वरिष्ठ कृषि वैजानिक डा. महावीर सिंह
नरवाल जो कि चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के भी प्रधान रह चुके हैं की अपील: " मैं दुनिया के सभी कृषि वैजाकिनों से अपील करता हूँ कि बी टी कॉटन जैसी आनुवांशिकीय अभियांत्रित (जेनेटिकली मॉडिफाइड) खतरनाक फसलों के घातक चक्रव्यूह से बाहर निकलने में किसानों की मदद करें क्योंकि पिछले लगभग 10 वर्षों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि ये फसलें मनुष्य जाति, सभी पशुओं, धरती के जीवन चक्र और पर्यावरण हेतु समान रूप से खतरनाक हैं तथा इन विवादित आनुवांशिकीय अभियांत्रित फसलों के निर्माता व बढ़ावा देने वाली कंपनीयाँ, वैजानिक, सरकारें, व संस्थाएं अभी तक इन फसलों से होने वाली हानि की खबरों व खोजों का कोई उत्तर नहीं दे पाई हैं | "
डा. एम. एस. नरवाल बाजरा के वरिष्ठ मान्य पौध प्रजनन वैजानिक हैं और चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में कार्यरत हैं |
यदि डा. एम. एस. नरवाल (डा. महावीर सिंह नरवाल) से उनके विचार इस विषय पर आप जानना चाहें तो उनका दूरभाष है 9416961039, 01662 - 223869
(सुधीर कौड़ा)
राष्ट्रीय संयोजक